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सियासत | बड़ा आर्टिकल
एकला चलो रे का नारा, ममता बनर्जी के लिए मजबूरी या राजनीतिक हैसियत को बनाए रखने की चिंता?
ममता बनर्जी के सामने 2024 में विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनने का लक्ष्य नहीं है, बल्कि अपने घर को बचाने का, उनके पास इससे भी बड़ी चुनौती है. 2024 में पश्चिम बंगाल में टीएमसी की राजनीतिक हैसियत दांव पर होगी और इसकी वजह है राज्य में भाजपा का बढ़ता जनाधार. यही वजह है कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की जनता को ऐसा कोई संदेश नहीं देना चाहती जिससे आगामी लोकसभा चुनाव में टीएमसी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाए.
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ममता बनर्जी की मजबूरी है 'एकला चलो' और जिम्मेदार तो राहुल गांधी भी हैं
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) करें भी तो क्या करें? आने वाले आम चुनाव (General Election 2024) में अकेले उतरने के अलावा कोई रास्ता भी तो नहीं बचा था - और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का हालिया रवैया तो देखने के बाद तो तमाम क्षेत्रीय नेताओं का ऐसा ही रुख देखने को मिल सकता है.
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अमित शाह का त्रिपुरा में बंगाल की तरह मोर्चा संभालना बीजेपी की मुश्किलें बता रहा है
त्रिपुरा (Tripura Election 2023) में बीजेपी के लिए सत्ता में वापसी काफी चुनौतीपूर्ण हो गयी है, इसलिए अमित शाह (Amit Shah) को खुद मोर्चा संभालना पड़ा है. धमा-चौकड़ी तो टीएमसी और कांग्रेस भी मचा रहे हैं, लेकिन लेफ्ट (CPM) के इरादे बीजेपी के लिए ज्यादा खतरनाक हैं.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
ममता बहुत ज्यादा तो नहीं बदली हैं लेकिन बीजेपी ज्यादा मेहरबान जरूर लगती है
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का हालिया रुख बीजेपी (BJP) नेतृत्व के प्रति काफी नरम व्यवहार दिखा रहा है, लेकिन देखा जाये तो बीजेपी कहीं ज्यादा ही मेहरबान लग रही है - भला ऐसा कब हुआ है जब राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री मुख्यमंत्री को मनाते दिखे हों.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
हिमाचल की हार पर मोदी के संदेश में निशाने पर कौन है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आने वाले चुनावों के लिए नया गुजरात मॉडल (Gujarat Poll Model) पेश किया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की हार (BJP Himachal loss) की तरफ इशारा भी समझा जा रहा है - क्या मोदी किसी नेता की तरफ इशारा कर रहे हैं?
सियासत | बड़ा आर्टिकल
BCCI के बहाने बीजेपी को घेर कर टीएमसी गांगुली पर दबाव तो नहीं बना रही है?
सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) को दोबारा अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा, ये तय तो हुआ BCCI की मीटिंग में, लेकिन तृणमूल कांग्रेस (TMC) का इल्जाम है कि सब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने फाइनल किया है - जबकि महीने भर पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया था.
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